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Wednesday, April 11, 2012

महिलायें और मंगल ग्रह


ग्रहों का सेनापति मंगल ,अग्नितत्व प्रधान तेजस ग्रह है  .इसका रंग लाल  और ये रक्त -संबंधो का प्रतिनिधित्व करता है .जिस किसी भी स्त्री की जन्म कुंडली में मंगल शुभ और मजबूत स्थिति में होता है उसे वह प्रबल राज योग प्रदान करता है .शुभ मंगल से  स्त्री अनुशासित , न्यायप्रिय ,समाज  में प्रिय और सम्मानित होती है .
जब मंगल ग्रह का पापी और क्रूर ग्रहों का साथ हो जाता है तो स्त्री को मान -मर्यादा भूलने वाली ,क्रूर और ह्रदय हीन भी बना देता है .
क्यूँ कि मंगल रक्त और स्वभाव में उत्तेजना ,उग्रता और आक्रमकता लता है इसीलिए जन्म -कुंडली में  विवाह से संबंधित भावों --जैसे द्वादश ,लग्न ,द्वितीय ,चतुर्थ ,सप्तम व अष्टम भाव में मंगल कि स्थिति को विवाह और दांपत्य जीवन के लिए अशुभ माना जाता है  .ऐसी कन्या मांगलिक कहलाती है . मेरे विचार में मांगलिक होना कोई भयानक बात नहीं है क्यूँ की अच्छे औरशुभ मंगल से कोई भी स्त्री की सोच ऊँची और  वह उच्च पद तक पहुँचती  है और जहाँ तक विवाह का सवाल है वह जन्म कुंडली मिला कर ही करना चाहिए .
लेकिन जिन स्त्रियों  की जन्म कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में हो तो वह आलसी और बुझदिल होती है थोड़ी सी डरपोक  भी होती है .
मन ही मन सोचती है पर प्रकट रूप से कह नहीं पाती और मानसिक अवसाद में घिरती चली जाती है ,कमजोर मंगल वाली स्त्रियाँ हाथ में लाल रंग का धागा बांध कर रखे और भोजन करने के बाद थोडा सा गुड जरुर खा लें , ताम्बे के गिलास में पानी पियें और अनामिका में ताम्बे का छल्ला पहन ले और   एक अच्छे ज्योतिष को दिखा कर उसकी सलाह पर अगर जरुरी हो तो मूंगा धारण करें .
जिन स्त्रियों की जन्म कुंडली में मंगल उग्र स्थिति में होता है उनको लाल रंग कम धारण करना चाहिए और मसूर की दाल का दान करना चाहिए ...रक्त -सम्बन्धियों का सम्मान करना चाहिए जैसे बुआ ,मौसी बहन ,भाई और अगर शादी शुदा है तो पति के रक्त सम्बन्धियों का भी सम्मान करें .
हनुमान जी की शरण में रहना कैसे भी मंगल दोष को शांत रखता है
एक अच्छे ज्योतिष को कुंडली दिखा कर ही कोई भी उपाय करना चाहिए ..

7 comments:

  1. Upasanaji bahut hi accha likha he.umeed he aage bhi Isi trah se likhti rahegi.Aap ko meri traf se subh kamnaye.

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  2. अच्‍छी प्रस्‍तुति...बहुत बहुत बधाई...

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  3. वर्तमान मे जीवन मे व्‍यक्ति इसे भी मानने लगा है क्‍यों कि आज व्‍यक्ति कर्म की बजाय भाग्‍य को ज्‍यादा महत्‍तव देने लगा है

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  4. सुन्दर प्रस्तुति...

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  5. आपने सही कहा उपासना जी ,अगर मंगल अच्छे ग्रहों से दृष्ट है तो किरण बेदी की तरह बुलंदियो पर ले जायेगा |अगर पीड़ित है तो बदनामी भी दिला देगा ,गलत कर्मो की वजह से |मंगलवार को पंडित जी से मौली बंधवाएं|अगर गुस्सा ज्यादा आता है तो ताम्बे के ग्लास में पानी न पीएं अपितु चांदी के ग्लास का प्रयोग करें और चांदी पहने|तला हुआ भोजन कम खाएं |

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  6. उपासना जी आपके ब्लॉग पर आकर बहुत अच्छा लगा .ज्योतिष वैसे भी जन जन का प्रिय विषय है.आपकी पोस्ट सराहनीय है..ऑनर किलिंग:सजा-ए-मौत की दरकार नहीं

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