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Thursday, August 16, 2012

महिलाएं और बुध ग्रह

बुध ग्रह  एक शुभ और रजोगुणी प्रवृत्ति का है।यह किसी भी स्त्री में बुद्धि ,निपुणता ,वाणी .वाक्शक्ति ,व्यापार ,विद्या में बुद्धि का उपयोग तथा मातुल पक्ष का नैसर्गिक करक है। यह द्विस्वभाव ,अस्थिर और नपुंसक ग्रह होने के साथ - साथ शुभ होते हुए भी जिस ग्रह  के साथ स्थित होता है ,उसी प्रकार के फल देने लगता है। अगर शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ ,अशुभ ग्रह  के अशुभ प्रभाव देता है।
 अगर यह पाप ग्रहों के  दुष्प्रभाव में हो तो स्त्री कटु भाषी , अपनी बुद्धि से काम न लेने वाली यानि दूसरों की बातों में आने वाली या हम कह सकते हैं के कानो की कच्ची ...!,  जो घटना घटित भी ना हुई उसके लिए पहले से ही चिंता करने वाली और चर्मरोगों से ग्रसित हो जाती है।
क्यूँ की बुध बुद्धि का परिचायक  भी है अगर यह दूषित चंद्रमा के प्रभाव में आ जाता है तो स्त्री को आत्मघाती कदम की तरफ भी ले जा सकता है।
यहाँ मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती  हूँ ,यहाँ  मेरा किसी भी महिला पर दोषारोपण करने का प्रयास नहीं है बल्कि मैंने बहुत सी महिलाओं में यह प्रवृत्ति देखी और उनको घुटते देखा है। वे कहती है कि  उनके मन में कुछ नहीं होता फिर भी वो बोले बिना नहीं रहती और फिर बोलते ही विवाद हो जाता है। तो यहाँ दूषित बुध का ही परिणाम होता है।
यह सूर्य के साथ हो कर भी अस्त नहीं होता। और बुध -आदित्य योग का निर्माण करता है।
जिस किसी भी स्त्री का बुध शुभ प्रभाव में होता है वे अपनी वाणी के द्वारा जीवन की सभी उच्चाईयों को छूती है ,अत्यंत बुद्धिमान ,विद्वान् और चतुर और एक अच्छी  सलाहकार साबित होती है।व्यापार में भी अग्रणी तथा कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सम्स्याओं का हल निकल लेती है।
यह एक सामान्य विश्लेष्ण है ,बुध ग्रह  के  शुभ- अशुभ प्रभाव का। जन्म-कुंडली के अलग- अलग भावों और अलग - अलग ग्रहों के साथ होने पर इसका प्रभाव कम या ज्यादा भी हो सकता है। अगर जन्म कुंडली है तो उसका एक अच्छे  ज्योतिष से विश्लेष्ण करवा कर उपाय करवा लेना चाहिए। अगर जरुरी हो तो 'पन्ना' रत्न  छोटी वाली ऊँगली में पहना जा सकता है। गणेश जी और दुर्गा माँ की आराधना करनी चाहिए।
हरे मूंग ( साबुत ), हरी  पत्तेदार सब्जी  का सेवन और दान ,हरे वस्त्र को धारण और दान देना भी उपुयक्त रहेगा। तांबे के गिलास में जल पीना चाहिए। अगर कुंडली ना हो और मानसिक अवसाद ज्यादा रहता हो तो सफ़ेद और हरे रंग के धागे को आपस में मिला कर अपनी कलाई में बाँध लेना चाहिए।
ॐ शांति ....


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